तुलसी के बार-बार सूखने से मिलते हैं ये संकेत, जानें सर्दियों में इसे कैसे बचाकर रखें

सनातन धर्म में तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। घर के आंगन में तुलसी का होना न केवल धार्मिक दृष्टि से आवश्यक होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है। तुलसी के अनगिनत फायदे हैं, और इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का प्रिय माना जाता है। यही कारण है कि तुलसी को “हरिप्रिया” भी कहा जाता है। तुलसी का नियमित रूप से पूजा करना और इसकी देखभाल करना घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है।
तुलसी के पौधे के लाभ तो अनगिनत हैं, लेकिन इसके साथ जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों की जानकारी भी होनी चाहिए। इन नियमों के अनुसार, तुलसी को सही तरीके से पूजा करने से अनेक लाभ मिलते हैं। हालांकि, अक्सर देखा जाता है कि घर में तुलसी के पौधे के सूखने की समस्या उत्पन्न होती है, जो कई बार पूजा और जल देने के बावजूद भी ठीक नहीं होती। तो, क्या इसका कोई विशेष संकेत होता है? क्या इससे सुख मिलेगा या दुख? आइए, जानते हैं इस बारे में उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से।
तुलसी के सूखने से मिलने वाले संकेत:
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यदि घर में तुलसी का पौधा है और वह बार-बार सूख रहा है, तो यह किसी अशुभ संकेत का परिणाम हो सकता है। यह बताता है कि घर में किसी प्रकार की परेशानी या समस्या आने वाली है। जल देने के बाद भी यदि तुलसी का पौधा नहीं उगता या सूखता है, तो यह संकेत हो सकता है कि घर में कोई अनहोनी होने वाली है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि हर बार सूखने पर ही परेशानी होगी, लेकिन यह ध्यान देने योग्य बात होती है कि अगर ऐसा बार-बार हो रहा है तो कुछ उपाय अवश्य किए जाएं।
तुलसी दल और बासी जल:
स्कन्द पुराण के अनुसार, बासी जल और बासी फूलों से पूजा करना वर्जित माना जाता है, क्योंकि इससे पूजा का प्रभाव खत्म हो जाता है। लेकिन तुलसी के ताजे पत्ते या तोड़े गए तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं माने जाते, और न ही इन्हें अपवित्र माना जाता है। तुलसी के पत्ते और गंगाजल बासी होने पर भी पूजा में कोई बुराई नहीं है। अतः, तुलसी के पत्तों को तोड़ने या रखने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, बशर्ते वे साफ-सुथरे हों।
अशुद्ध अवस्था में तुलसी को न छूएं:
तुलसी को अशुद्ध अवस्था में छूना भी उचित नहीं माना जाता है। इसका मतलब है कि तुलसी के पास गंदे कपड़े सुखाने या चप्पल पहनकर उस स्थान पर जाने से तुलसी सूख सकती है। तुलसी की नियमित पूजा और दीपकदान से न केवल धार्मिक उन्नति होती है, बल्कि यह नर्क जाने से भी मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। इसलिए तुलसी के पौधे के पास रोज शाम को दीपक लगाना और पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण है।
तुलसी को कैसे बचाएं, खासकर सर्दियों में:
तुलसी का पौधा सर्दियों में अधिक प्रभावित होता है और सूखने की समस्या आम होती है। इसलिए इसे बचाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। सबसे पहले, तुलसी के पौधे को नजर से बचाकर रखें, क्योंकि यह पौधा बहुत जल्दी नजर लगने का शिकार हो सकता है। तुलसी की जड़ में हल्दी और गंगाजल डालने से भी यह सूखने से बच सकता है।
इसके अलावा, तुलसी को ठंडी हवा और पाले से बचाने के लिए इसे ऐसे स्थान पर रखें, जहां धूप तो आती हो, लेकिन सीधी हवा न चली हो। सर्दियों में तुलसी को ठंडी हवा से बचाने के लिए इसे किसी हल्के कपड़े से ढककर भी रखा जा सकता है। सर्दी के मौसम में तुलसी में मंजरी अधिक निकलने लगती है, जिसे बीच-बीच में हटाते रहना चाहिए ताकि तुलसी का पौधा स्वस्थ और हरा-भरा रहे।
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